अगर आप शाहिद कपूर के फैन हैं और उन्हें एक इंटेंस, स्वैगी और एक्शन से भरपूर रोल में देखना चाहते हैं, तो फिल्म “देवा” आपके लिए ही है। यह एक ऐसी फिल्म है, जो एक्शन, सस्पेंस और इमोशन के बीच बेहतरीन बैलेंस बनाती है। फिल्म में शाहिद कपूर ने एक पुलिस ऑफिसर का रोल निभाया है, जो अपने खुद के अंदाज में अंडरवर्ल्ड को सुलझाने की कोशिश करता है। इस फिल्म का प्लॉट इतना दिलचस्प है कि आप हर पल को बड़े ध्यान से देखेंगे।

Deva Movie Review Shahid kapoor
इस ब्लॉग में हम आपको “देवा” फिल्म के बारे में सब कुछ बताएंगे। आइए जानते हैं कि यह फिल्म क्यों देखने लायक है, इसके एक्शन सीन कितने शानदार हैं और शाहिद कपूर ने इस फिल्म में अपने किरदार को कितनी बेहतरीन तरीके से निभाया है।
“देवा” फिल्म का ओवरऑल एक्सपीरियंस
“देवा” एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है, जो अपनी कहानी, एक्शन सीन्स और शॉकिंग ट्विस्ट्स के कारण दर्शकों को बांधे रखती है। फिल्म में शाहिद कपूर ने देव आमरे का किरदार निभाया है, जो एक दमदार और बिंदास पुलिस ऑफिसर है। उनकी एक्शन से भरी परफॉर्मेंस आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। फिल्म का फर्स्ट हाफ एक्शन और सस्पेंस से भरा हुआ है, जबकि सेकंड हाफ में कहानी थोड़ा स्लो और इमोशनल मोड़ पर जाती है।
फिल्म का मुख्य आकर्षण शाहिद कपूर का स्वैग, एटीट्यूड और उनके द्वारा निभाए गए एक्शन सीन्स हैं। अगर आप एक्शन फिल्में पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपको पूरी तरह से पसंद आएगी।
फिल्म का प्लॉट: सस्पेंस और ट्विस्ट का धमाल
फिल्म का प्लॉट मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आधारित है, जहां बहुत सारी शेडी चीजें चल रही हैं। इन सभी गतिविधियों को सुलझाने के लिए देव आमरे नामक एक पुलिस ऑफिसर आता है। इस फिल्म का सस्पेंस केवल विलन तक सीमित नहीं है, बल्कि कहानी में इतनी सारी ट्विस्ट्स हैं कि आप अंत तक यह नहीं समझ पाएंगे कि असल में क्या हो रहा है।
जहां एक तरफ फिल्म में रॉ एक्शन और मासी डायलॉग्स हैं, वहीं दूसरी तरफ एक साइकोलॉजिकल पजल भी चलता है, जो ऑडियंस के दिमाग को हिला कर रख देता है। आप हर एक सीन में शाहिद कपूर के बेहतरीन एक्शन को महसूस करेंगे, और फिल्म की कहानी के साथ-साथ इस ट्विस्टेड पजल को भी समझने की कोशिश करेंगे।
फर्स्ट हाफ: एक्शन और एड्रेनल रश
फिल्म का फर्स्ट हाफ एकदम हाई स्पीड और फुल ऑन एड्रेनल रश से भरा हुआ है। फिल्म के इस हिस्से में आपको चेज़ सीन, तगड़े एक्शन सीन्स और शाहिद कपूर के दमदार डायलॉग्स देखने को मिलते हैं। एक खास सीन में शाहिद कपूर एक विलन को थप्पड़ मारते हुए अपनी स्टाइलिश एटीट्यूड को फ्लॉन्ट करते हैं, जो दर्शकों के बीच खासी वाह-वाही लूटता है।
शाहिद का स्वैग इस फिल्म में इतना जबरदस्त है कि अगर उनका किरदार मुंबई पुलिस कमिश्नर के ऑफिस में भी होता, तो वह वहां भी छा जाते। फिल्म के फर्स्ट हाफ का बैकग्राउंड स्कोर भी एक्शन से भरपूर है, और थिएटर में इसे सुनने का अपना अलग ही मजा है।
सेकंड हाफ: इमोशनल और साइकोलॉजिकल टर्न
फिल्म का सेकंड हाफ पहले हाफ से बिल्कुल अलग है। जहां पहले हाफ में आपको एक्शन और रॉ ड्रामा मिलता है, वहीं सेकंड हाफ में फिल्म एक साइकोलॉजिकल पजल बन जाती है। निर्देशक रोशन एंड्रूज ने इस सेकंड हाफ को और अधिक लेयर्ड और इंटेंस बनाने की कोशिश की है।
इस भाग में फिल्म की गति थोड़ी धीमी हो जाती है, और कुछ दर्शक इसे कंफ्यूजिंग भी मान सकते हैं। हालांकि, जो लोग थ्रिलर और गहरी स्टोरी टेलिंग को पसंद करते हैं, उनके लिए यह हिस्सा एक माइंड-ब्लोइंग अनुभव साबित हो सकता है। फिल्म के इमोशनल और ड्रामेटिक मोमेंट्स इस भाग में और गहरे होते जाते हैं, और आपको लगातार सोचने पर मजबूर करते हैं।
क्लाइमैक्स: शॉकिंग और अनएक्सपेक्टेड
अगर आप सोच रहे हैं कि फिल्म का क्लाइमैक्स साधारण और प्रिडिक्टेबल होगा, तो आपको एक बड़ा झटका लग सकता है। निर्देशक ने एक बहुत ही bold मूव किया है, जिसे लेकर दर्शकों की राय अलग-अलग हो सकती है। हालांकि, यह क्लाइमैक्स फिल्म की पूरी पहचान को बदल देता है। यह न केवल शॉकिंग है, बल्कि दर्शकों को हैरान भी करता है।
यह क्लाइमैक्स उन दर्शकों के लिए है जो सामान्य मसाला फिल्मों के क्लाइमैक्स से ज्यादा कुछ चाहते हैं। शाहिद कपूर का किरदार इस फिल्म में मास हीरो के रूप में सामने आता है, और उनका हर एक डायलॉग, एक्शन और इमोशनल परफॉर्मेंस फिल्म को और भी दिलचस्प बना देती है।
शाहिद कपूर का किरदार: मास हीरो का परफेक्ट रोल
शाहिद कपूर ने “देवा” में अपनी अदाकारी का वो स्तर दिखाया है, जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे। उनके पास न केवल एक्शन सीन्स को निभाने का बेहतरीन तरीका है, बल्कि वह इमोशनल सीन में भी गहरी छाप छोड़ते हैं। उनकी डायलॉग डिलीवरी, उनका स्वैग, और उनका एटीट्यूड फिल्म को एक अलग ही लेवल पर ले जाता है।
यदि कोई और अभिनेता इस फिल्म में शाहिद कपूर की जगह होता, तो फिल्म शायद उतनी सफल और प्रभावशाली नहीं होती। शाहिद का हर एक लुक और उनका अभिनय इस फिल्म में जान डालते हैं।
पूजा हेगड़े और पवली गुलाटी की परफॉर्मेंस
फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट में पूजा हेगड़े और पवली गुलाटी भी शामिल हैं। पूजा हेगड़े का रोल फिल्म में थोड़ा लिमिटेड है, लेकिन जितनी स्क्रीन स्पेस उन्हें मिली है, उन्होंने उसे अच्छे से निभाया है। वहीं, पवली गुलाटी ने फिल्म के एंटागनिस्ट के रूप में एक सॉलिड परफॉर्मेंस दी है। हालांकि, उनके अभिनय में कुछ कमी जरूर महसूस होती है, जो कि फिल्म के दूसरे हिस्से में थोड़ी कमी की तरह नजर आती है।
सिनेमेटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक
“देवा” की सिनेमेटोग्राफी बहुत ही स्टाइलिश और स्लीक है, जो फिल्म की रॉ विजुअल्स को और भी ज्यादा इंटेंस बनाती है। मुंबई के माहौल को बहुत ही शानदार तरीके से फिल्माया गया है। बैकग्राउंड स्कोर और साउंड इफेक्ट्स को भी खास ध्यान दिया गया है। एक्शन सीन में जो साउंड इफेक्ट्स हैं, वे इतने हार्ड हिटिंग हैं कि थिएटर में यह साउंड सिस्टम को भी चुनौती दे सकते हैं।
क्या यह फिल्म देखने लायक है?
“देवा” एक ऐसी फिल्म है जो फुल ऑन एक्शन और इमोशन्स से भरी हुई है। अगर आप शाहिद कपूर के फैन हैं और एक्शन फिल्में पसंद करते हैं, तो यह फिल्म बिल्कुल आपके लिए है। हालांकि, अगर आप केवल एक्शन के लिए ही फिल्म देखना चाहते हैं, तो फिल्म का सेकंड हाफ थोड़ा स्लो लग सकता है।
फिल्म का क्लाइमैक्स बहुत ही रिस्की और अनएक्सपेक्टेड है, जो कि दर्शकों को चौंका सकता है। इस फिल्म को देखने के लिए थोड़ी पेशेंस जरूर चाहिए, लेकिन अगर आप इसे सही तरीके से एंजॉय करेंगे, तो यह एक बेहतरीन अनुभव हो सकता है।
अगर आप एक मजबूत एक्शन, थ्रिलर और इमोशन से भरी फिल्म देखना चाहते हैं, तो “देवा” आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकती है। शाहिद कपूर ने इस फिल्म में अपना हर पल जोरदार तरीके से जिया है और दर्शकों को भी इसमें अपनी परफॉर्मेंस से पूरी तरह से एंटरटेन किया है।
आप इस फिल्म को जरूर देख सकते हैं, खासकर अगर आप शाहिद कपूर के फैन हैं।
अगर आपने “देवा” फिल्म देखी है, तो हमें अपनी राय कमेंट सेक्शन में बताएं! क्या आपको फिल्म का क्लाइमैक्स पसंद आया? या फिर क्या आपको शाहिद कपूर का स्वैग देखने में मजा आया?